राजू जब १४ साल को हो गया (सन १९७३) तो एक दिन उसे अपने पिता जी श्री गजेन्द्र जी से पता च राजू जब १४ साल को हो गया (सन १९७३) तो एक दिन उसे अपने पिता जी श्री गजेन्द्र जी स...
मैंने जो संकल्प लिया था वह मैंने पूरा किया। सच कहूं तो मेरे संकल्प की पूरा होने के पीछ मैंने जो संकल्प लिया था वह मैंने पूरा किया। सच कहूं तो मेरे संकल्प की पूरा होने ...
लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास। लेखक : निकोलाय गोगल अनुवाद : आ. चारुमति रामदास।
आज के लिए इतना ही, मिलते हैं कल फिर से, मेरी प्यारी संगिनी। आज के लिए इतना ही, मिलते हैं कल फिर से, मेरी प्यारी संगिनी।
छोटे से संसार की रानी हो और मेरी आने वाली गुड़िया मेरी परी है। छोटे से संसार की रानी हो और मेरी आने वाली गुड़िया मेरी परी है।
मौत और संसार में विनाशकारी समय बहुत संकट आया है मौत और संसार में विनाशकारी समय बहुत संकट आया है